Bihar Bal Hridya Yojna (BHY) 2025 - बाल हृदय योजना के अंतर्गत अपने बच्चों का मुफ्त में इलाज कैसे कराएं, जल्दी देखें

 

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका इस लेख में। आज हम बात करने वाले हैं बिहार सरकार के द्वारा चलाए जा रहे बच्चों के इलाज के लिए बाल हृदय योजना के बारे में, हम बात करेंगे कि बाल हृदय योजना के लिए कैसे आवेदन करें।


Bal Hridya Yojna 2025

बाल हृदय योजना में कैसे अप्लाई करें? - Overview


bhy


दोस्तों अगर आपके घर में या फिर आस पास में ऐसे बच्चे हैं जिनके दिल में छेद है और उनके माता पिता के पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं हैं तो उनके लिए बिहार सरकार के द्वारा बाल हृदय योजना चलाया जा रहा है। बिहार सरकार उन बच्चों को फ्री में इलाज कराएगी। उसके लिए आपको कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। आपका बच्चा 0 से 18 वर्ष के बीच होना चाहिए और बच्चा पूर्ण रूप से बिहार का निवासी होना चाहिए। तो हम आपको स्टेप बाई स्टेप बताते हैं कि आपको कैसे इसका लाभ मिल सकता है।



बाल हृदय रोग के लक्षण


  1. साँस फूलना
  2. धड़कन का तेज होना
  3. अत्यधिक रोना
  4. शरीर, होंठ और जीभ का नीला पड़ जाना
  5. वजन का नहीं बढ़ना
  6. रुक-रुक कर दूध पीना
  7. बहुत थकावट महसूस करना
  8. पैर, पेट और आंखों का फूल जाना


बाल हृदय योजना से लाभ लेने के लिए - पात्रता


  1. बच्चा बिहार का अस्थायी निवासी होना चाहिए।
  2. बच्चे की उम्र 18 वर्ष या उससे कम होनी चाहिए।
  3. केवल जन्मजात हृदय छिद्र वाले बच्चे ही पात्र होंगे।


बाल हृदय योजना से मिलने वाले लाभ


इस योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ निम्नलिखित हैं।


  1. लाभार्थी बच्चे के हृदय का फ्री इलाज किया जाएगा।
  2. बच्चे की दवाइयों का कोई पैसा नहीं लगेगा।
  3. राज्य या बाहरी राज्य में इलाज के लिए जाने के लिए उसके एक परिजन के लिए परिवहन का पैसा नहीं लगेगा।


बाल ह्रदय योजना का लाभ उठाने के लिए - आवश्यक दस्तावेज


  1. निवास प्रमाण पत्र
  2. आधार कार्ड
  3. मेडिकल प्रमाण पत्र
  4. जन्म प्रमाण पत्र
  5. बच्चे का पासपोर्ट आकार फोटो
  6. मोबाइल नंबर

बाल ह्रदय योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया


  1. बच्चे के माता-पिता को जब भी कोई लक्षण दिखे तो सबसे पहले इसकी जांच करवाए।
  2. बिहार बाल हृदय योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित केंद्र या संस्थान में जाकर जांच करवा सकते हैं।
  3. नजदीकी प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
  4. जिला सिगर हस्तक्षेप केन्द्र, जिला स्वास्थ्य समिति में
  5. बच्चे की जांच पूरी होने के बाद अगर उसे हार्दिक शल्यक्रिया की आवश्यकता है तो उन्हें सर्जरी के लिए अस्पताल चिन्हित कर सूचना दी जाएगी या रेफर किया जाएगा।
  6. इसके बाद बच्चे के माता-पिता चिन्हित अस्पताल में जाकर बच्चे का इलाज करा सकते हैं।


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